हर साल लाखों छात्र-छात्राएं मेडिकल क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के लिए NEET UG (National Eligibility cum Entrance Test) की तैयारी करते हैं। यह परीक्षा देशभर के मेडिकल कॉलेजों में MBBS और BDS जैसे कोर्स में दाखिला लेने का एकमात्र रास्ता है। लेकिन इस कठिन परीक्षा को पास करने के बाद भी एक बड़ा सवाल रहता है - NEET UG Category Wise Cut Off। हर श्रेणी के लिए कट-ऑफ अलग होती है, और इसे समझना आपके लिए बेहद जरूरी है। इस लेख में हम आपको NEET UG की कट-ऑफ को आसान और मानवीय भाषा में समझाएंगे, ताकि आप अपने लक्ष्य को और स्पष्ट रूप से देख सकें।
NEET UG Cut Off क्या होती है?
NEET UG की कट-ऑफ वह न्यूनतम अंक है, जो एक उम्मीदवार को मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने के लिए स्कोर करना होता है। यह कट-ऑफ हर साल अलग-अलग श्रेणियों जैसे सामान्य (General), OBC, SC, ST, और EWS के लिए अलग-अलग निर्धारित की जाती है। कट-ऑफ कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे:
- परीक्षा का कठिनाई स्तर
- कुल उम्मीदवारों की संख्या
- उपलब्ध सीटों की संख्या
- पिछले साल के कट-ऑफ ट्रेंड
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NEET UG Category Wise Cut Off |
कट-ऑफ को समझना इसलिए जरूरी है क्योंकि यह तय करता है कि आपको कॉलेज में दाखिला मिलेगा या नहीं।
ध्यान दें: कट-ऑफ हर साल बदलती है, इसलिए पिछले साल की कट-ऑफ को देखकर अपनी रणनीति बनाएं, लेकिन हमेशा अपडेटेड जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट (nta.ac.in) पर नजर रखें।
NEET UG 2024 Category Wise Cut Off
हालांकि हर साल कट-ऑफ में बदलाव होता है, लेकिन नीचे हम आपको NEET UG 2024 के लिए अनुमानित कट-ऑफ की जानकारी दे रहे हैं। यह जानकारी पिछले साल के रुझानों और विशेषज्ञों के विश्लेषण पर आधारित है। ध्यान दें कि यह आधिकारिक नहीं है और केवल एक अनुमान है।
श्रेणी (Category) | कट-ऑफ अंक (Cut Off Marks) | पर्सेंटाइल (Percentile) |
---|---|---|
सामान्य (General) | 720-137 | 50वां पर्सेंटाइल |
OBC | 136-107 | 40वां पर्सेंटाइल |
SC | 136-107 | 40वां पर्सेंटाइल |
ST | 136-107 | 40वां पर्सेंटाइल |
EWS | 720-137 | 50वां पर्सेंटाइल |
PwD (General) | 136-121 | 45वां पर्सेंटाइल |
यहां पर्सेंटाइल का मतलब है कि आपको कितने प्रतिशत उम्मीदवारों से बेहतर प्रदर्शन करना होगा। उदाहरण के लिए, सामान्य श्रेणी के लिए 50वां पर्सेंटाइल का मतलब है कि आपको टॉप 50% उम्मीदवारों में होना होगा।
कट-ऑफ को प्रभावित करने वाले कारक
कट-ऑफ सिर्फ आपके अंकों पर निर्भर नहीं करती। कई अन्य चीजें इसे प्रभावित करती हैं:
- परीक्षा की कठिनाई: अगर पेपर आसान हुआ, तो कट-ऑफ आमतौर पर बढ़ जाती है।
- सीटों की उपलब्धता: अगर मेडिकल कॉलेजों में सीटें कम हैं, तो कट-ऑफ बढ़ सकती है।
- उम्मीदवारों की संख्या: ज्यादा उम्मीदवार होने पर प्रतिस्पर्धा बढ़ती है, जिससे कट-ऑफ ऊपर जा सकती है।
- श्रेणी-आधारित आरक्षण: विभिन्न श्रेणियों के लिए अलग-अलग आरक्षण नीतियां कट-ऑफ को प्रभावित करती हैं।
NEET UG Cut Off को कैसे समझें और तैयारी करें?
कट-ऑफ को समझने के लिए सबसे पहले आपको अपनी श्रेणी के आधार पर लक्ष्य निर्धारित करना होगा। अगर आप सामान्य श्रेणी से हैं, तो आपको ज्यादा अंक लाने की जरूरत होगी। वहीं, OBC, SC, या ST श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए कट-ऑफ थोड़ी कम हो सकती है।
कुछ टिप्स जो आपको मदद करेंगे:
- पिछले साल की कट-ऑफ का विश्लेषण करें: इससे आपको अंदाजा होगा कि कितने अंक लाने हैं।
- मॉक टेस्ट दें: नियमित मॉक टेस्ट देने से आप अपनी तैयारी का स्तर जान सकते हैं।
- सिलेबस को प्राथमिकता दें: NCERT की किताबों को अच्छे से पढ़ें, क्योंकि NEET का पेपर ज्यादातर NCERT पर आधारित होता है।
- समय प्रबंधन: परीक्षा में समय का सही उपयोग करना सीखें।
क्या NEET UG Cut Off भविष्य में बदल सकती है?
हां, कट-ऑफ हर साल बदलती है। जैसे-जैसे मेडिकल शिक्षा का दायरा बढ़ रहा है, सीटों की संख्या और उम्मीदवारों की संख्या में भी बदलाव हो रहा है। साथ ही, सरकार की नीतियां और आरक्षण नियम भी कट-ऑफ को प्रभावित करते हैं। इसलिए, हमेशा नवीनतम जानकारी के लिए NTA की आधिकारिक वेबसाइट पर नजर रखें।
प्रो टिप: अगर आप कट-ऑफ के आसपास अंक लाते हैं, तो ऑल इंडिया कोटा (AIQ) और स्टेट कोटा दोनों में काउंसलिंग के लिए आवेदन करें। इससे आपके दाखिले की संभावना बढ़ सकती है।
निष्कर्ष
NEET UG Category Wise Cut Off को समझना और उसके अनुसार तैयारी करना आपके मेडिकल करियर की दिशा तय कर सकता है। सही रणनीति, मेहनत, और आत्मविश्वास के साथ आप अपने सपनों के मेडिकल कॉलेज में दाखिला ले सकते हैं। बस यह याद रखें कि कट-ऑफ सिर्फ एक नंबर है, आपकी मेहनत उस नंबर को पार कर सकती है। अपने लक्ष्य पर ध्यान दें और पूरी लगन से तैयारी करें।
आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं!